gazal

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दिल मेरा फरेब में पलता रहा
मैं बस आँख मूँदकर चलता रहा
शौक था पल दो पल उसके साथ का
उम्रभर वो साथ ही सलता रहा
वो खुलूसे इश्क हिम सा था सही
पास आने तक मगर गलता रहा
जिंदगी थी नाम उसके इसलिये
हाथ रखकर हाथ में मलता रहा