holi

न जाने किस रंग की आजमाईस नाकाम रही साहब
हमारी कोशिशें तो तमाम रही साहब
ये बात और कि मोहब्बत डूब चुकी थी आँखों में
मगर आँसू की हर बूँद को सलाम रही साहब