मोहब्बत मरने न पाये

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तुम याद करो न करो
कभी मेरी तलाश
करो न करो
मोहब्बत को बेचैन
नहीं होने दूँगा
झूठी कहानियोँ में
नादां दिल को
नहीं खोने दूँगा
हो सकता है
हकीकत से रूबरू होते होते
ग़म की तैयारी हो जाये
खुबसूरत दर्द से यारी हो जाये
मगर
कह दूँगा
बेशर्म आँसूओं से
कि
बेशक डुबो देना
मुझे मेरी ही तनहाई में
में
पर मोहब्बत
मरने न पाये