जब जिंदगी शोर करने लगे
तब विश्वास कमजोर होने लगता है
तब ना दिन होता है ना रात होती है
काल के उस रूप का कोई नाम नहीं
तब मधुर संगीत भी कान फाड़ने लगते हैं
प्रेम भीख लगता है
मुस्कुराहट से चिढ़ होती है
तब तुम एकदम से शांत होने कीअसफल कोशिश भी नहीं कर पाओगे
तब तुम कलम उठा लेना
दर्द को सजा लेना
तब एक अपरिचित की 'वाह'तुम्हारे 'आह' को खत्म कर देगी
तब
तब जब तुम 'शुक्रिया' कहोगे
उस वक्त तुम्हारे होंठों पर मुस्कान रहेगी