फँस गया हूँ उजाले में

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सुनो
अँधेरे से भागते भागते
फँस गया हूँ उजाले में
चारों तरफ फैले तेज प्रकाश को
सहन नहीं कर पा रहा हूँ
आँखे चुँधिया गई है
मगर मैं लौट चला हूँ
उल्टे कदमों से चला आ रहा हूँ
बस तुम
वेदनाओं के कम होने तक
आशाओं से नजदीकियाँ बनाये रखना