सुना तुमने, राम
. . . . . . . . . . . . .
ये बात और. . .
कि तुमने दहेज नहीं ली. . .
परन्तु स्वयंवर, लव मैरेज. . .
छी छी. .
भ्रम तोड़ लेना. . .
कि अयोध्या वासी दीप जलायेगें. . .
चलो किसी तरह समझा बुझा कर. . .
इंट्री हो जायेगी. .
मगर. .
केकई का क्या करोगे. . .
भरत ने तो पहले ही..
जमीन जायदाद पर..
दसरथ के अँगुठा लगा रखे हैं. . .
और फिर सीता की फरमाईश. ..
उफ्फ. .
चलो किसी दुसरे शहर में. .
रोजी रोटी की जुगाड़ करने. . .
मगर लक्षमण साथ नहीं आने वाला. . .
और हाँ. .
जरा संभल के. .
यहाँ दस सिर वाले एक रावण नहीं. . .
बल्कि एक सिर वाले ही मगर हजारों मिलेगें. . .
ऐसे में. .
किसी हनुमान की आस मत रखना. . .
जो भी हाथ बढ़ायेगें. .
लूटकर ही जायेगें. . .
तुम्हे अकेले ही लड़ना है. . .
जीवन की जंग. .
सुना तुमने राम. . .
. . .
एक बात और. . .
तुम्हारे पड़ोस के. .
हर घर में. .
एक धोबी है. .
जरा बच के. . .