मित्रों
यूँ तो दिनचर्या में हिन्दी ने समेट ली है कई भाषाओं को अपने आँचल में
पर
अब भी
जब बच्चे तुतलाकर माँगते हैं चॉक्लेट्स
बीबी बेलन दिखाकर माँगती है साड़ियाँ
और
माँ जब हँसती है
तब हम उसे शुद्ध हिन्दी कहते हैं
हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ
Shambhu Sadharan
मित्रों
यूँ तो दिनचर्या में हिन्दी ने समेट ली है कई भाषाओं को अपने आँचल में
पर
अब भी
जब बच्चे तुतलाकर माँगते हैं चॉक्लेट्स
बीबी बेलन दिखाकर माँगती है साड़ियाँ
और
माँ जब हँसती है
तब हम उसे शुद्ध हिन्दी कहते हैं
हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ